रक्षाबंधन आने वाला था और एक हफ्ते पहले ही मेरे मोबाइल फोन पर मेरी चाची का फोन आ गया था.
चाची मुझे अपने बेटे के समान मानती थी जब मैं छोटा बच्चा था तो उन्होंने बचपन से ही मुझे बिलकुल अपना सगा बेटा समझकर प्यार करा है मगर मैं ऐसा मर्द हूँ जिसने जिस थाली में खाया उसी में छेद कर दिया वो कैसे आगे बताता हूँ.
चाची फोन पर बोली की “बेटा विजय… याद से रक्षाबंधन वाले दिन घर पर सुबह ९ बजे तक आ जाना तेरी बहन बहुत उतावली हो रही है
रक्षाबंधन पर तुझे राखी बांधने के लिए ठीक हैं ना बेटा देखो भूलना मत हाँ बेटा” मैंने कहा “चाची भला रक्षाबंधन का त्योहार भला मैं कैसे भूल सकता हूँ
आप चिंता ना करें मैं रक्षाबंधन के दिन समय पर आ जाऊंगा अपनी प्यारी बहन से अपनी कलाई पर राखी बंधवाने के लिए” और फिर थोड़ी इधर उधर की बातें करने के बाद मैंने फोन काट दिया.
चाची से बात करते करते मेरी अन्तर्वासना जागृत हो चुकी थी और मेरी खूबसूरत चचेरी बहन कंगना का कामुक जिस्म मेरी आँखों के सामने आ गया था
और मेरे लौड़े में काफी ज्यादा कसावट आ गयी थी.
फोन काटने के बाद मजबूरन मुझे बाथरूम में जाकर हस्तमैथुन करके अपनी कामवासना को शांत करना पड़ा.
मेरी चाची दिखने में बहुत सुन्दर है और उनकी बेटी तो उनसे भी ज्यादा कड़क माल लगती है.
मेरी चचेरी बहन मात्र 19 साल की है मगर वो बिलकुल चरित्रहीन है.
मैं अपनी चरित्रहीन चचेरी बहन को चरित्रहीन इस लिए बोल रहा हूँ की उसने सेक्स करने के लिए मुझे मतलब अपने चचेरे भाई को अपना बॉयफ्रेंड बना लिया था
और वो मेरे साथ अवैध सेक्स संबंध बनाया करती थी.
हम चचेरे भाई बहन को जब भी मौका मिलता था हम चुदाई कर लिया करते थे और ये बात एक राज थी की कंगना मुझसे चुदवाती है घर में किसी को इस बात की खबर नहीं थी.
रक्षाबंधन के दिन सुहागरात मनाई चरित्रहीन चचेरी बहन के साथ अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
अगले ही दिन मैं रक्षाबंधन के बहाने अपनी चाची की बेटी के साथ सुहागरात बनाने के लिए उनके घर के लिए निकल पड़ा.
मेरी चाची का घर मेरे घर से मात्र 25 किमी दूर था.
उनके घर में वो माँ बेटी दो ही जाने रहते थे.
मैंने बस स्टेंड से चाची के घर जाने के लिए बस पकड़ ली और अपनी बहन के लिए कुछ गिफ्ट व मिठाई खरीद ली.
करीब एक घंटे के सफ़र के बाद मैं मेरे चाची के घर पहुच गया.
वहां मैंने सबसे पहले चाची के पैर छुए और फिर चाची ने मुझे अपने गले से लगा लिया.
फिर कुछ देर के बाद उन्होंने मुझे ड्रोविंग रूम में बैठाया और मेरे लिए चाय नाश्ता ले आई.
आज चाची बहुत सुन्दर और सेक्सी दिख रही थी मन तो कर रहा था उनकी बेटी के साथ सुहागरात बनाने से पहले उन्ही के साथ सुहागरात बनकर अपनी अन्तर्वासना शांत कर लूँ मगर मेरे अंदर ऐसा करने की हिम्मत नहीं थी.
खैर चाय नाश्ता करते करते हमने ढेर सारी बातें करी.
कुछ देर में जैसी ही मेरी चचेरी बहन कंगना वहां आई वैसे ही मेरे अंदर एक बार अन्तर्वासना भड़क उठी और मेरे लंड ने पेंट के अंदर विकराल रूप धारण कर लिया.
खैर मैंने अपने हाथों से अपने खड़े लंड को छुपा लिया ताकि किसी को मेरा खड़ा लौड़ा दिखाई ना दे.
मैंने मुसकुराते हुए मेरी चचेरी बहन से पूछा की और कैसी है बहन तुझे तेरे इस भाई की याद तो आती ही नहीं है.
वो शरमाते हुए बोली की भाई मैं तो अच्छी हूँ आप कैसे हो.
मैंने भी जवाब दिया की मैं भी बहुत अच्छा हूँ. दोस्तों हम भाई बहन नहीं बल्कि बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड हैं और यह राज की बात सिर्फ हम दोनों के बिच ही है किसी तीसरे को इस बात की खबर तक नहीं है.
कुछ देर बाद चाची खाना बनाने के लिए रसोई में चली गयी और अब हम भाई बहन दोनों बिलकुल अकेले हो गये.
बहन को अकेला पाकर मैं सेक्स करने के लिए गर्म हो उठा और फिर मैंने मेरी जवान और सेक्सी चचेरी बहन कंगना को पकड़ लिया और किसी जंगली जानवरों की तरह उसके कामुक जिस्म पर जगह जगह चुम्मा चाटी करने लगा.
मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन कंगना घबराते हुए मुझसे बोली की छोड़ो भाई अगर मम्मी आ गयी तो अनर्थ हो जायगा …
मैंने उसे कमर से कपड लिया और एक दो चुम्मा मैंने उसके गाल का ले लिया.
दोस्तों मेरे अंदर आन्तार्वसना बहुत जोरो से भड़क रही थी मगर डर था की कहीं चाची वहाँ ना आ जाए यदि उन्होंने हम भाई बहन को इस आपत्तिजनक हालत में देख लिया तो उन्हें हम पर शक हो सकता था
इसलिए मैंने कंगना को उस बक्त तो छोड़ दिया और अब मुझे इंतजार था तो सही मौके का. हम दोनों बैठकर भाई बहनों की तरह बात करने लगे.
मेरी जवान और सेक्सी माल बहन बोली “चलो भाई बातें तो बहुत हो गयी अब जल्दी से राखी बंधवा लो अपनी कलाई पर
!!” मैंने अपनी चरित्रहीन चचेरी बहन से कहा की मैं आज तुझसे एक शर्त पर राखी बंध्वाऊंगा की आज रात तू मेरे साथ सुहागरात बनायगी और मुझे तेरी चूत की चुदाई करने के साथ साथ तेरी गांड भी मारने देगी.
मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन बोली की भाई ठीक है रात को मेरे साथ सुहागरात बना लेना और मेरी चूत की चुदाई करने के बाद मेरी गांड भी मार लेना मगर
अभी तो मुझे छोड़ दो कोई देख लेगा तो बदनामी हो जायगी.
उस साली रंडी के प्रोमिस करने के बाद ही मैंने उससे राखी बंधवाई. रात में मेरी चाची 10 बजे तक खाना बनाकर और हम भाई बहन दोनों को खाना खिलाकर व रसोई के सभी काम निपटा कर गहरी नींद में सो गयी.
दोस्तों अब यही सही मौका था चाची की बेटी के साथ सुहागरात बनाकर उसक कुंवारी लड़की के चूत और गांड के साथ काण्ड करने का.
मैंने मेरी बहन कंगना के मोबाइल फोन पर कॉल करी और उसे सुहागरात बनाने के लिए मेरे कमरे में बुला लिया वो चुपचाप चुदवाने के लिए मेरे कमरे में आ गयी.
मैंने अंदर से कुण्डी लगा ली और कंगना को अपनी बाँहों में भर लिया और इस दौरान उसके मोटे मोटे चुचे मेरी छाती में किसी नुकीले खंजर की भांति चुभने लगे.
हम दोनों वैसे तो भाई बहन थे, पर असलियत में मेरी चचेरी और मेरे बिच अवैध शारीरिक संबंध थे और हम भाई बहन एक दुसरे की अन्तर्वासना समय समय पर शांत करते रहते थे.
मेरी चुदक्कड बहन थी. मुझसे मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन बोली की भाई आज मैं तेरी दुल्हन बनकर तुम्हारे लंड से अपनी चूत और गांड की खूब जमकर चुदाई करवाना चाहती हूँ तुम मुझे पुरे जोश के साथ चोदना और मेरी चुदास बड़े अच्छे से शांत करना.
फिर मुझसे मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन बोली की बही तुम्हे याद है पिछले साल हम दोनों भाई बहनों ने चुदाई की थी और खूब जमकर मजे करे थे!” मैं बोला की “हाँ…..बहन, हमारी चुदाई को पूरा १ साल बीत चुका है.
पर तुम चिंता मत करो. आज मैं तुम्हारी मांग भरकर तुम्हे कुंवारी दुल्हन बनाऊंगा और फिर सारी रात तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊंगा!” उसके बाद हम भाई बहन चुम्मा चाटी करने लगे और एक दूसरे के ओंठ चूस लगे.
कंगना ने अपने कामुक जिस्म पर एक सेक्सी जालीदार नाईटी पहन रखी थी जिसमें वो बहुत सेक्सी दिख रही थी. मैं उसको लेकर बिस्तर पर चला गया और हम भाई बहन दोनों फिर से चुम्मा चाटी करने लगे.
मैंने मेरी कामुक चचेरी बहन को लिटा दिया और उसके उपर चढ़कर लेट गया. नाइटी में तो कंगना किसी परी से कम नही लग रही थी.
मैंने उसे दोनों बाँहों में भर लिया और उसे अपनी छाती से चिपका लिया. फिर मैं उसके रसीले होठ चूसने लगा. मेरी चचेरी बहन का जिस्म तो अब और भी जादा खिल गया था.
क्या मस्त गोरी गोरी माल थी वो. अब मेरा लंड तो खड़ा होकर 8 इच लंबा और चार इंच मोटा हो गया था. मैं कंगना के रसीले स्ट्राबेरी जैसे होठो को चूस रहा था और भरपूर मजा ले रहा था.
आज रक्षाबंधन वाले दिन मैं मेरी चचेरी बहन के साथ सुहागरात बनाने वाला था और उसकी गांड और चूत को खूब जमकर चोदने वाला था.
कंगना भी मुझे अपने बॉयफ्रेंड की तरह चूस रही थी. जितना चुदाई करने की कामवासना मेरे अंदर भड़क रही थी उसके कहीं जादा चुदवाने की कामवासना मेरी चचेरी बहन के अंदर भड़क रही थी .
अब हम भाई बहन दोनों गर्मा गर्म चुम्बन में खो गये और करीब आधे घंटे तक तो सिर्फ हमारे बिच चुम्बन ही चलती रही. उसके बाद मैंने चुदाई करने के लिए मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन की नाईटी उतार दी.
मेरी चचेरी बहन ने नाईटी के अंदर ब्रा नही पहनी थी जिस वजह से उसके स्तन काफी ज्यादा मोटे मोटे दिखाई दे रहे थे.
जब पिछले साल मैं आया था तो उसके स्तन ३४” के थे, पर अब तो वो ३८” के हो गये थे. मैंने उसके बालों वाले जुड़े से चिमटी निकाल दी जिससे उसके बाल खुल कर बिखर गये.
खुले बालों में वो बहुत सुंदर और सेक्सी माल लग रही थी. मैं कंगना के बड़े बड़े स्तनों को जोर जोर से दबाने लगा और वो अपनी दोनों आँखे बंद करके मौन करने लगी. उसके मुंह से जोर जोर की आवाजें निकल रही थी मगर चिंता की कोई बात नहीं थी क्योंकि मेरी चाची नींद की दावा खाकर गहरी नींद में सो रही थी.
जब मैं मेरी चाची की जवान और सेक्सी बेटी के बड़े बड़े स्तनों से खेल रहा था तो वो काफी ज्यादा मचल रही थी और या देखकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
अब मेरा दिल मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन के स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने का करने लगा तो मैं उसके स्तनों को चूसने के लिए बिस्तर पर लेट गया और लेटकर उसके बूब्स को मुंह में ले लिया और मन लगाकर उसके बूब्स पीने लगा.
कंगना मेरे चेहरे को हाथ से सहलाने लगा. मैं जल्दी जल्दी मुंहचलाकर उसका सारा दूध पीने लगा. हालाँकि मेरी चचेरी बहन की छातियों में अभी दूध नही था.
जब एक बार चुदवाकर माँ बन जाएगी तो उसकी एक खाली छातियाँ लबालब दूध से भर जाएंगी. मैंने सोचा. पर तब तक तो मुझे ऐसे ही काम चलाना होगा.
मैंने पूरी शिद्दत से मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन कंगना के बड़े बड़े स्तनों को अपने मुंह में लेकर पीने लगा और उस जवना कुंवारी लड़की के स्तनों का भरपूर मजा लेने लगा.
आह….मुझे कितना मजा आ रहा था. मैं बार बार चूचियों को बदल लेता था. एक चूची जी भरकर पीता था, फिर कुछ देर बाद दूसरी चूची मैं मुंह में भर लेता था.
दिल कर रहा था की मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन की चूचियों को आज खा ही जाऊं. कंगना मुझे अपना दूल्हा मान चुकी थी और मेरे सर को बड़े प्यार से अपने हाथो से सहला रही थी.
मैं उसके दुधिया थन पीने में मस्त था. मैं जीभ लगाकर किसी गोदी के छोटे बच्चे की तरह उसकी कड़क हो चुकी निपल्स को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था.
अब मैं उसके बूब्स को अच्छे से चूस चुका था और अब मैं मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन की टाइट गुलाबी चूत पर आ गया था.
उसकी टाइट गुलाबी चूत पर कुछ झाटो के बाल मुझे दिख रहे थे. कंगना ने नाईटी के अंदर पैंटी नही पहनी थी. इसलिए मुझे साफ साफ उसकी टाइट गुलाबी चूत दिख रही थी.
बड़ी देर तक मैं मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन की टाइट गुलाबी चूत के दर्शन करता रहा. फिर मैंने उसकी टाइट गुलाबी चूत में अपनी ऊँगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगा.
“……अई…अई….अई…अई…. इसस्स्स्स्स्स्स्स्…उहह्ह्ह्ह…. ओह्ह्ह्हह्ह….” वो चिल्लाने लगी. मैं अपनी दौड़ती ऊँगली के बगल अपनी जीभ लगा दी और कंगना के भोसड़े को पीने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था क्यूंकि कंगना बड़ी तेज तेज आवाजे निकाल रही थी.
उसे भी खूब मजा आ रहा था. मैंने ही ४ साल पहले अपनी चचेरी बहन की सील तोड़ी थी. इस वक्त मेरी उँगलियाँ बड़ी तेज तेज मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन की टाइट गुलाबी चूत में अंदर बाहर हो रही थी.
मैंने मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन की टाइट चूत और उसके उपर की तरह टाइट गुलाबी चूत के दाने को भी पी रहा था.
कंगना कराह रही थी और अपनी गांड उठा रही थी. मैंने ऊँगली निकाली तो उसमे कंगना के भोसड़े का सारा माल, सारा पानी लग गया था.
मैं मुंह में ऊँगली डालकर सारा माल पी गया और फिर से मैंने अपनी ऊँगली चरित्रहीन कंगना के भोसड़े में डाल दी और जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा.
मेरी जीभ किसी कुत्ते की तरह लपलपा रही थी और कंगना के टाइट गुलाबी चूत दे दाने और उसके होठो को चाट रही थी. उसे बहुत मजा आ रहा था.
वो बेकाबू हो रही थी. कुछ देर बाद मैंने २ २ ऊँगली कंगना के भोसड़े में पेल दी और अंदर बाहर करने लगा. कंगना “आई…..आई….. अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…”करने लगी.
मुझे उस कुंवारी रांड की सिसकियाँ बहुत मीठी लग रही थी इसलिए मैं तेज तेज अपनी दो उँगलियों से उसकी गुलाबी चूत फेट रहा था.
मेरी दो उँगलियों से अपनी चूत की चुदाई करवाते करवाते नंगी कंगना बेकाबू हुई जा रही थी. मैं किसी तरह की जल्दीबाजी नही दिखाई और तेज तेज उसकी टाइट गुलाबी चूत में ऊँगली करता रहा.
मेरी मेहनत रंग लाई और अब मेरी चचेरी बहन की बुर तर, नम और गीली हो गयी थी. मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन की टाइट गुलाबी चूत की फांकें बहुत लाल लाल थी.
मैंने अपना लंड उसकी टाइट गुलाबी चूत में डाल दिया और उसे चोदने लगा. कंगना नंबर १ क्वालिटी की माल थी. वो मेरे चेहरे को सहला रही थी, मैं उसको धीमे धीमे ले रहा था. उधर मेरी चाची कूलर चलाकर सो रही थी.
इधर कंगना संग मैं चुदाई का प्रोग्राम कर रहा था. मेरे लम्बे और मोटे लौड़े से चुदते चुदते मेरी नंगी बहन कंगना का मुँह खुल जाता था और बड़ा अजीब चेहरा बन जाता था जिसे देखकर मेरे उप्पर कामदेव सवार हो जाता था.
अपनी बहन को चोदते चुदते अब मेरे धक्के धीरे धीरे तेज और तेज होते जा रहे थे. वो अपने होठ दांतों से चबा रही थी जिसमे वो बेहद चुदासी और सेक्सी लग रही थी.
मेरी कमर नाच रही थी और मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन की टाइट गुलाबी चूत को चोद रही थी. “ उई माँ आह… आह… हे भगवन उई माँ मर गयी और जोर से भाई आह… हाँ और अंदर तक आह… आह.. !!..ओह यस!! कीप इट अप!! उई माँ हाँ भाई और जल्दी जल्दी आह..
बहुत मजे आ रहे हैं भाई चोदते रहो रुकना मत आह.. आह…. !!” चुदवाते चुदवाते नंगी कंगना मोन करने लगी.
मैं जोर जोर से उसकी टाइट गुलाबी चूत में धक्के मारने लगा. पच पच की कंगना के चुदने की मीठी आवाज मेरे कमरे में गूंजने लगी. मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन की टाइट गुलाबी चूत अच्छे से चुदने लगी.
मेरा लंड और भी जादा मोटा हो गया था और जोर जोर से अंदर तक मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन की टाइट गुलाबी चूत में मेरा लंड पहुच रहा था.
उसका कुछ गाढ़ा मक्खन जैसा माल मेरे लंड पर लगा गया था जिससे अंदर बाहर होने में मुझे और चिकनाई और फिसलन मिल रही थी.
मैंने अपनी गांड हवा में उपर उठा दी और कंगना को लेने लगा. कुछ देर में मैंने अपना माल अपनी चचेरी बहन की टाइट गुलाबी चूत में छोड़ दिया और हम दोनों प्यार करने लगे.
कुछ देर बाद मैंने अपनी जींस की जेब से सिंदूर की डिब्बी निकाली और अपनी चचेरी बहन की मांग भर दी. मैंने थोड़ा सिंदूर उस कुंवारी दुल्हन की चूत में भी लगा दिया.
मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन कंगना हैरत से पूछने लगी की अरे ये क्या किया भाई तुमने……??? मैंने कहा की देख बहन……कुछ सालो में तेरी शादी हो जाएगी और तेरा हसबैंड तेरी मांग भरा करेगा तो मैंने सोचा की क्यों ना उसके भरने से पहले ही मैंने तेरी मांग भर दूँ!!
उसके बाद हम भाई बहन दोनों नंगे नंगे ही लेट गये और मैंने अपनी चचेरी बहन को सीने से लगा लिया. मैं उसके मस्त मस्त सफ़ेद और गोरे पुट्ठे सहलाने लगा.
मेरी चचेरी बहन वाकई में बड़ी मस्त माल थी. हम दोनों प्यार की बाते करने लगे. “बहन…….मैं तेरी कैसी चुदाई करता हूँ????” मैंने कंगना से पूछा “बहुत मस्त भाई…..कंगना बोली!!” “आज तुमने तो मेरी मस्त टाइट गुलाबी चूत बजाई है!!” वो बोली.
मैं उसके गुलगुल पुट्ठो को सहलाए जा रहा था. आज मैंने उसको अपनी बीबी की तरह चोदा था और उसकी टाइट चूत में भी सिंदूर भर दिया था.
उसके बाद हम फिर से प्यार करने लगे. मैं फिर से कंगना के दूध पीने लगा. “कंगना……आ बहन मेरा लौड़ा चूस आकर!!” मैंने कहा मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन मेरे पास आ गयी और मेरा लौड़ा अपने मुंह में लेकर बड़े मजे से चूसने लगी.
मेरी कामवासना से भरी बहन ने तुरंत ही मेरा लंड हाथ में ले लिया और फेटने लगी.
हैण्डजॉब करवाते करवाते मैं उसी के बगल में लेट गया था और वो मेरे पास बैठ गयी थी.
मैंने अपने सर के नीचे तकिया रख लिया जिससे मेरा सर थोडा ऊँचा हो जाए और अपनी चेचेरी बहन से लंड चुस्वाने में मजा आये.
मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन कंगना मेरे मोटे लौड़े को देखकर आश्चर्य कर रही थी. वो मुश्किल से मेरे लंड को पकड़ रही थी क्यूंकि ये बहुत मोटा था. फिर धीरे धीरे वो उपर नीचे हाथ चलाकर फेटने लगी. मुझे मजा आ रहा था.
मैंने उसके दूध को हाथ में लेकर सहलाने लगा. कुछ देर बाद कंगना मेरे लौड़े पर झुक गयी और पूरा का पूरा मुंह में ले गयी और मेरा लंड चूसने लगी.
“……आआआआअह्हह्हह… सी सी सी… हा हा हा….ओ हो हो….” मैं आवाजे निकालने लगा. कुछ देर बाद तो कंगना किसी चुदक्कड़ लडकी की तरह मेरा लंड चूसने लगी.
उसे ब्लोजॉब करने में बहुत आनंद आ रहा था वो बिलकुल किसी पोर्न फिल्म स्टार की तरह मेरा लौड़ा चूस रही थी और बार बार मेरे लंड के निचे लटके टट्टे चाट रही थी.
मैंने मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन से पूछा की ये बलोंजॉब करना तुम्हे किसने सिखाया पिछली बार जब हमने सेक्स करा था तब तो तुमने मुझे ब्लोजॉब नहीं दिया था. तो बो बोली की क्यों क्या हुआ भाई क्या मैं सही से बलोंजॉब नहीं कर रही हूँ क्या ??? मैंने बोला की अरे नहीं नहीं तुम तो बड़े अच्छे से बलोंजॉब कर रही हो.
तब उसने बताया की उस कुंवारी रांड ने ब्लू फिल्म में इसी तरह लड़की को लंड चूसते देखा था, वही से वो सीख गयी. हस्तमैथुन देते देते कुछ देर बाद कंगना के हाथो की रफ्तार बढ़ गयी और मेरी कुंवारी दुल्हन बिजली की रफ्तार से मेरा लंड फेटने लगी.
फिर उसने मेरा लौड़ा अपने मुंह में ले लिया और बहुत ही ज्यादा तेज तेज अपने सिर को उपर नीचे करके मेरा मोटा लंड चूसने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मेरी मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन मेरे खड़े लौड़े के सुपाड़े को बहुत अच्छे से चूस व चाट रही थी. ब्लोजॉब के दौरान मैं भी उस कुंवारी दुल्हन की चुचियों को दबा रहा था और उसके बूब्स के नुकीले निपल्स को अपनी ऊँगली से छेड़ रहा था.
आज रक्षाबंधन के दिन हम भाई बहन दोनों अपनी अन्तर्वासना शांत करने के लिए इसी तरह अद्भुत रति क्रीड़ा करने में लगे हुए थे और सुहागरात का पूरा आनंद ले रहे थे.
कबसे मेरा मन था की मेरी चरित्रहीन चचेरी बहन मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसे और मुख मैथुन करे. मेरी चचेरी बहन कंगना पर चुदाई का खुमार छाया हुआ था.
उसके हाथ तो रुकने का नाम ही नही ले रहे थे और जल्दी जल्दी मेरे लंड को फेट रही थी. ऐसा लग रहा था की मानो वो साली कुंवारी रांड आज मेरे लौड़े को इतना ज्यादा आनंद देना चाहती हो की मैं किसी और लड़की के साथ सेक्स करने के बाले में गलती से भी ना सोचूं.
उसके बाद मैंने उसे अपने उप्पर बिठाकर रात २ बजे तक चोदा और उस कुंवारी दुल्हन के साथ सुहागरात मनाई.
करीब तिन दिन बाद रक्षाबंधन मनाकर मैं अपने घर लौट आया और साथ लाया तो हम भाई बहन के सुहागरात बनाने वाली सेक्सी यादें.
तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आप सभी को हम चचेरे भाई बहन के बिच बने अवैध सेक्स संबंध की ये अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी ” रक्षाबंधन के दिन सुहागरात मनाई चरित्रहीन चचेरी बहन के साथ “ बहुत ही ज्यादा पसंद आई होगी.