हाय, मेरा नाम मीना है। मैं अपनी पहली चुदाई की दास्तान जिसमे मुझे मेरे नौकर ने चोदा, लिख रही हूं।
उस समय मेरी उमर 20 साल की थी। मेरे घर पर रमेश नाम का एक नौकरी रहता था।
उसकी उम्र लगभाग 42 साल थी। वो देहात का रहने वाला था और बहुत ही ताकतवर था।
उसका बदन किसी पहलवान जैसा था। मेरे मम्मी पापा उस पर बहुत विश्वास करते थे।
जब कभी मेरे मम्मी पापा बहार जाते तो मुझे उसके साथ घर पर अकेला छोड़ जाते।
एक दिन मेरे मम्मी पापा 4-5 दिनों के लिए बहार चले गए।
घर पर मैं और मेरा नौकरी ही रह गए थे। शाम को उसने खाना बनाया और मुझे खिलाने के बाद खुद खाया।
रात के 9 बज रहे थे। वो और मैं बैठ कर टीवी देख रहे हैं। कुछ देर बाद मुझे नींद आने लगी और मैंने टीवी बंद कर दिया।
मैंने अपने बेड पर सो गई और वो हमेशा की तरह मेरे बेड के पास ही जमीन पर सो गया। रात के 2 बजे मैं बाथरूम जाने के लिए उठी तो मेरी निगाह उस पर पड़ी।
उसकी धोती हट गई थी और उसका लंड धोती के बहार बहार निकला हुआ था ।
वो लगभाग 9” इंच लंबा और बहुत मोटा था।
वो गहरी नींद में सो रहा था और खराटे भर रहा था।
मैं खुद को रोक नहीं पाई और बड़ी देर तक उसके लंड को देखती रही।
मैंने कभी इतना लंबा और मोटा लंड नहीं देखा था।
मैं जवान तो थी ही, उसका लंड देख कर मुझे जोश आ गया और मैंने मन ही मन उससे चुदवाने की थान ली।
मैं बाथरूम से वापस आ कर लेट गई और सोचने लगी कि उससे कैसे चुदवाया जाए। मेरे मन में एक ख्याल आया और मैं सो गई।
नौकरानी पर आया दिल फिर तोड़ा उसके नीचे का बिल
सुबह हुई तो रमेश ने मुझे जगा दिया और चाय बनाने चला गया।
थोडी देर बाद उसे मुझे बिस्तर चाय लाकर दी।
मैं चाय पीने के खराब फ्रेश होने बाथरूम चली गई।
बाथरूम से नाहा कर निकल के मैं बाथरूम के बाहर जमीन पर लेट गई और जोर से चिल्लाने लगी। मैंने केवल एक तौलिया लपेट रखा था।
रमेश दौड़ा हुआ आया और मुझे देख कर बोला क्या हुआ बेबी।
मैंने कहा मैं नहीं कर निकली तो मेरा पैर सरक गया और मैं गिर पड़ी।
मैं उठ नहीं पर रही हूं। तुम मुझे सहारा दे कर बिस्तर तक ले चलो।
रमेश ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे सहारा दिया लेकिन मैं खड़ी नहीं हो पर रही थी।
वो मुझे गोद में उठा कर बेड पर ले जाने लगा तो मेरी टॉवल नीचे गिर गई और मैं एक दम नंगी हो गई।
वो मुझे उसी तरह उठा कर बेड पर ले गया। उसकी आंखों में एक चमक सी आ गई। मैं समज गई की अब मेरा काम बन जाएगा।
बेड पर लिटाने के बाद मेरी टॉवल मेरे ऊपर दाल दी और बोला, कहां चोट लगी है|
मैने अपने घुटनों की तरफ इशारा कर दिया।
वो जा कर आयोडेक्स ले आया और बोला, “लाओ, आयोडेक्स लगा दूं।” मैंने कहा, “ठीक है, लगा दो।”
उसे मेरे घुटनो पर से तौलिये को ऊपर कर दिया और आयोडेक्स मालने लगा।
उसके हाथ फिरने से मुझे जोश आने लगा।
मैंने कहा, “थोड़ा और ऊपर भी लगा दो, वहां भी चोट लगी है।”
उसे मेरा तौलिया थोड़ा और ऊपर कर दिया और मेरी जांघो पर भी मालिश करने लगा।
मैं और जोश में आ गई। मैंने देखा कि वो एक हाथ से कभी अपने लंड को भी मसाला रहा था।
उसे भी जोश आ रहा था। मलिश करते हुए वो धीरे-धीरे और ऊपर की तरफ हाथ बढ़ाने लगा।
मैं और ज्यादा जोश में आ गई और अपनी आंखें बंद कर ली।
वो अपने हाथों से मेरी चुत से केवल 4″ इंच कि दूरी पर मलिश कर रहा था।
मेरी चुत अभी भी तौलिया से ढाकी हुई थी।
मैं उससे चुदवाना चाहती थी, इस लिए मैंने कुछ नहीं कहा। वो धीरे-धीरे अपना हाथ और ऊपर की तरफ बढ़ाने लगा।
थोड़ी ही देर में मेरी चुत पर से तौलिया हट गया और वो मेरी चुत को निहार रहा था।
मलिश करते हुए बीच में वो अपनी उंगली से मेरी चुत को भी टच करने लगा।
उसका लंड धोती के अंदर पूरी तरह तन चुका था।
थोड़ी देर तक वो मेरी चुत को उगली से टच करते हुए मेरी मलिश करता रहा।
मैं और जोश में आ गई। मैंने रोका नहीं। उसकी हिम्मत और बढ़ गई।
उसके अपने दूसरे हाथ से मेरी चुत को सहलाना शुरू कर दिया।
मैंने कहा, “तुम ये क्या कर रहे हो।” वो बोला, “कुछ भी तो नहीं।
मुझे ये अच्छा लग रहा था, इस लिए मैं इसे छू कर देख रहा था।”
मैंने कहा, “मुझे भी अच्छा लग रहा है, तुम ऐसे ही मलिश करते रहो।
थोडा उस पर भी मलिश कर देना।” वो समझ गया और बोला, “ठीक है, बेबी।”
वो अपने एक हाथ से मेरी छूट को सहलाते हुए दूसरे हाथ से मेरी जान पर मलिश करता रहा।
थोडी देर बाद उसे अपनी एक उन्गली मेरी चुत में दाल दी और अंदर बाहर करने लगा।
मेरे मुह से सिसकारी निकल जाएगी। मैंने एक दम मस्त हो गई थी और मैंने रोका नहीं।
उसकी हिम्मत और बढ़ गई।
उसे कहा तुम्हारा बदन बहुत खूबसूरत है।
मैं देखना चाहता हूं। मैने कहा देख लो।
उसे तौलिया हटा कर फेंक दिया। मैं कुछ नहीं बोली।
अब मैं बिल्कुल नंगी थी और रमेश एक हाथ से मलिश करता रहा और दूसरे हाथ की उंगलियों को मेरी चुत के अंदर बाहर करता रहा।
मैं जनता थी कि वो एक मर्द है और अपने सामने एक नंगी और कुंवारी लड़की को देख कर ज्यादा देर बर्दास्त नहीं कर पाएगा।
वो मुझे छोड़ेगा जरूर और मैं से चुदवाना भी चाहती थी।
थोडी देर बाद उसने अपनी ऊँगली मेरी चुत से निकल ली और मेरी चुचियां मसाला लगा।
मै कुछ नहीं बोली। उसे मलिश करना रोक दिया और अब अपने दूसरे हाथ की उंगली मेरी चुत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा।
थोड़ी ही देर में मेरी छूट से पानी निकल पड़ा।
उसने अपनी जीभ से मेरी चुत को चटना शुरू कर दिया।
मैं अब जोश से एक दम बेकाबू हो रही थी।
वो मेरी चुत को चाटने और चूसने लगा।
उसका एक हाथ अभी भी मेरी चूचियों पर था और वो मसल रहा था। मेरे मुह से सिसकारियां निकलने लगी।
कुछ देर तक मेरी चुत को चूसने के बाद वो हट गया और अपनी धोती खोलने लगा।
धोती खुलते ही उसका मोटा और लंबा लुंड बहार आ गया।
उसे अपना कुर्ता भी उतारा दिया।
अब वो बिल्कुल नंगा था। वो मेरे करीब आ गया और अपना लुंड मेरे मुह के पास कर दिया।
मैं एक दम जोश में थी और उसके बिना कुछ कहे ही मैंने उसके लुंड पर अपनी जीभ को फिराना शुरू कर दिया।
वो आहिं भरने लगा। मैंने उसका लुंड मुह में ले कर चूसना चाहती थी।
उसका लुंड बहुत मोटा था और मेरे मुह में थोड़ा सा ही गया।
वो बोला, “बेबी, चूसो इसे।” मैं उसका लंड चूसने लगी।
थोड़ी देर तक चूसने के बाद उसका लुंड एक दम टाइट हो गया।
उसे अपना लुंड मेरे मुह से निकला लिया और मेरे जोड़ी के बीच आ गया।
मैं समाज की गई अब मेरी मन की मुराद पूरी होने वाली है।
लेकिन मैं उसके लंड के साइज को देख कर घबरा भी रही थी।
उसे मेरी चुतड़ के नीचे 2 तकिये रख दिए। मेरी छूट एक दम ऊपर उठ गई। उसे मेरी टांगो को पकड़ कर फैला दिया।
अब उसे अपने लंड की टोपी को मेरी छूट के बीच में रखा और धीरे धीरे अंदर दबाने लगा।
मुझे दर्द होने लगा और मेरे मुह से निकल गई।
वो बोला थोड़ा बर्दाश करो बेबी, अभी कुछ देर में तुम्हारा दर्द खत्म हो जाएगा और तुम्हें खूब मजा आएगा। वो अपना लंड मेरी चुत में धीरे धीरे घुसने लगा।
मैं फिर चिल्लाने लगी तो वो रुक गया।
थोड़ी ही देर में जब मैं शांत हो गई तो उसे अपना लुंड धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
वो अपना पूरा लंड मेरी चुत में डाले बिना मुझे चोदने लगा।
थोडी ही देर में मुझे मजा आने अलग आहे में भरने लगी। उसे जब देखा कि मुझे मजा आ रहा है तो उसे एक धक्का तेज लगा दिया।
मैं फिर से चीख उठी। उसका लंड मेरी चुत में थोड़ा और अंदर घुस गया।
वो उतना ही लंड मेरी चुत मे डालकर मुझे छोड़ता रहा।
थोडी देर बाद जब मैं फिर शांत हुई तो उसे फिर एक जोर डर धक्का लगा दिया। उसका लंड मेरी चुत में और ज्यादा घुस गया।
वो मुझे इसी तरह चोदता रहा। मैं जैसे ही शांत होती वो एक धक्का तेज मार देता था और उसका लंड मेरी चुत में और ज्यादा घुस जाता था।
10-15 मिनट तक चोदने के बाद ही वो मेरी चुत में झड़ गया। इस बीच मैं भी 2 बार झड़ चुकी थी।
उसका लंड अभी तक मेरी चुत में केवल 6″ इंच तक ही घुसा था और 3″ इंच अभी भी बाकी था।
उसे अपना लंड मेरी चुत से बहार निकला और मेरे मुह के पास कर दिया।
मै उसे चूसने लगी। थोड़ी ही देर में उसका लंड फिर से तन गया। उसे मुझे अब घोड़ी की तरह कर दिया और मेरे पीछे आ गया।
उसे मेरी चुत को फैला कर बीच में अपने लुंड को फसा दिया और बोला, “अभी तक मैंने तुम्हें बहुत आराम के साथ चोदा है।
अब तुम कितना भी चिल्लाओ, मैं कोई परवा नहीं करूं।”
उसने मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया और एक जोरदार धक्का मारा तो उसका आधा लंड मेरी चुत में घुस गया।
मैं चिल्लाने लगी लेकिन हमने कोई पर्व नहीं कि और बहुत ही ताकत के साथ धक्का मारने लगा।
मेरी छूट में बहुत तेज दर्द होने लगा।
मैं पसीने से एक दम तार हो गई। वो रुका नहीं और पूरे ताकत के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी।
थोडी ही देर बाद उसे अपना पूरा का पूरा 9″ इंच लंबा लुंड मेरी चुत के अंदर घुसा दिया।
फिर वो 2 मिनट के लिए रुका और बोला, “अब जाकार तुम्हारी चुत ने मेरा पूरा लंड खाया है।” अब मैं इसे छोड़ कर एक दम ढीला कर दूंगा।
2 मिनट तक रुके रहने के बाद उससे अपने हाथों से मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया और मेरी चुदाई करने लगा।
मुझे अभी बहुत दर्द हो रहा था। लगभाग 10 मिनट की चुदाई के बाद मेरा दर्द कुछ कम हुआ और मुझे मजा आने लगा।
वो मुझसे बड़ी बेदर्दी से चोद रहा था। लगभाग 30 मिनट की चुदाई के बीच में 4 बार झड़ चुकी थी पर वो रुकने का नाम नहीं ले रहा था।
वो अभी झड़ा नहीं था। उसे अपना लंड बहार निकला और मेरी गांड के छेद पर रख दिया।
मैं डर के मारे थर थर कांपने लगी। मैंने उससे बहुत मिनत की मेरी गांड को छोड़ दो, लेकिन वो मन नहीं।
उसका लंड मेरी चुत के पानी से गीला था।
उसे मेरी गांड में अपना लंड घुसाना शुरू कर दिया।
मैं दर्द से तड़पने लगी लेकिन वो रुकने का नाम नहीं ले रहा था।
वो बोला अब मैं तुम्हारी गांड के छेद को भी चौड़ा कर दूंगा।
मैं चिल्लती रही और वो मेरी गांड में अपना लुंड घुसता रहा।
5 मिनट की कोशिश के बाद आखिरी उसे अपना 9″ का पूरा लुंड मेरी गांड में घुसा ही दिया।
मैं अभी भी चिल्ला रही थी और रो रही थी लेकिन वो रुक नहीं रहा था और तेजी के साथ अपने लुंड को मेरी गांड में अंदर बाहर कर रहा था।
उसने लगभाग 20 मिनट तक मेरी गांड मारी लेकिन वो झड़ा नहीं। मेरी उम्र 42 साल है। मैंने बहुत चुदाई की है।
मेरा दोबारा इतने जल्दी नहीं झड़ने वाला।
अभी तो मैंने तुम्हें लगभग 45 मिनट ही छोड़ा है और अभी लगभग 30 मिनट और छोड़ूंगा, तब जा कर मेरे लुंड से पानी निकलेगा।’
मैं घबरा गई। मैंने कहा तुम अब रहने दो, बाद में अपनी इच्छा पूरी कर लेना।
वो नहीं माना। उसे अपना लुंड मेरी गांड से बहार निकला और मेरी चुत में घुसा दिया।
चुत में लुंड घुसने के बाद उसमें बहुत तेज के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी।
5 मिनट बाद ही उसने मेरी चुत से लुंड को निकल कर वापस मेरी गांड में डाल दिया और छोड़ने लगा।
वो इसी तरह हर 5 मिनट के बाद मेरी चुत और गांड की चुदाई करता रहा।
लगभाग 25-30 मिनट तक इसी तरह छोड़ने के बाद वो बोला, “मैं अब झड़ने वाला हूं।
तुम बताओ कि मेरे लंड का पानी कहां लेना चाहती हो, अपनी चुत में या गांड में।” मैंने कहा, “तुम मेरी गांड में ही पानी निकल दो,
चुत में तो तुम पहले भी निकल चुके हो।” उसे अपना लुंड मेरी चुत से निकल कर वापस मेरी गांड में डाल दिया और मेरी गांड मारने लगा।
उसके झड़ने का वक़्त नज़र आ गया था और वो अब एक तूफ़ान की तरह मेरी गांड में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था।
थोड़ी ही देर में उसके लंड से पानी निकलना शुरू हुआ और मेरी गांड एक दम भर गई।
पानी निकल जाने के बाद वो हट गया। मेरी चुत और गांड कई जगह से कट गई थी।
बिस्तर पर भी धेर सारा खून लगा था। मेरी चुत एक दम डबल रोटी की तरह सूज गई थी।
मेरी चुत और गांड में दर्द बहुत हो रहा था लेकिन मुझे जो मजा इस चुदाई से मिला उसके आगे ये दर्द कुछ भी नहीं था।
उसे कहा तुम्हारी चुत में दर्द बहुत हो रहा होगा तो मैंने अपना सर हां में हिला दिया।
वो किचन से पानी गरम करके ले आया और मेरी चुत को सेकने लगा और बोला इस से दर्द कम हो जाएगा।
कुछ देर तक सिकाई के बुरा मेरा दर्द बहुत था तक कम हो गया।
अब तक सुबह हो चुकी थी।
मै बाथरूम जाना चाहती थी पर उठ नहीं पा रही थी।
मैंने उससे कहा मैं बाथरूम जाना चाहती हूं लेकिन उठ नहीं पा रही हूं।
वो मुझे गोद में उठा कर बाथरूम ले गया। मैंने हमसे कहा तुम बहार जाओ मुझे नहाना है।
उसने मेरे माना करने के बाद भी मुझे घोड़ी बना कर फिर से मेरी चुदाई शुरू कर दी।
इस बार उसने केवल मेरी चुत की ही चुदाई की।
उसे इस बार मुझे लगभग 1 1/2 घंटे तक चोदा है तब कहीं जा कर उसके लंड से पानी निकला।
इस दौरन मैं 4 बार झड़ चुकी थी। चुदाई खत्म होने के बाद मैंने उससे कहा, “मैं चल नहीं पर रही हूं। मेरे मम्मी पापा आ जाएंगे तो क्या जवाब दूंगी।
“वो बोला,” तुम पहले नशा कर लो। मैं अभी बाजार से दावा ले आता हूं।
1 घंटे के बाद वो एक क्रीम और कुछ गोलियां ले कर आया।
उसे मुझे दावा खिला दी और मेरी चुत पर क्रीम लगाने लगा।
क्रीम लगाने के बाद वो खाना बनाने चला गया। 1 घंटे के बाद मेरा सारा दर्द खत्म हो गया।
खाना बन जाने के बाद उसमें मेरी थाली में साथ ही साथ खाना खाया।
रात हुई तो उसे मुझे फिर चोदना शुरू कर दिया।
इस बार वो रुक रुक कर मुझे चोद रहा है।
जब वो झड़ने वाला होता तो हट जाता और कुछ देर आराम करता।
थोड़ी देर आराम करने के बाद वो फिर से मुझे चोदने लगता है।
इसी तरह वो बिना झाड़े मुझे पूरी रात चोदता रहा।
सुबह को ही उसे अपनी चुदाई पूरी की और मेरी चुत में ही झड़ गया। पूरी रात में मैं 8 बार झड़ चुकी थी।
मम्मी पापा के आने तक उसने मुझे 6 बार चोदा ।
मैंने जब कुछ दिन अपने एक बॉय फ्रेंड से चुदवाया तो मुझे मजा तो आया लेकिन रमेश की चुदाई जैसा नहीं।
मेरा बॉय फ्रेंड मुझे 10-15 मिनट ही चोदने के बाद झड़ गया।
अब मैं पूरी तरह समझ गई की उसकी 6 बार की चुदाई नए नौ जवानों से 24 बार चुदवाने के बराबर थी।
मुझे आज भी 40-45 साल के मर्दों से ही चुदवाने में मज़ा आता है।